यह सम्पूर्ण प्रकृति तथा सृष्टि ईश्वर का ही तो एक मायने में विराट स्वरुप है। इसलिए सभी के प्रति क्षमा, करुणा, सज्जनता तथा प्रेम ही ईश्वर की सच्ची प्रार्थना है। समस्त ब्रह्माण्ड की ज्योति अपने भीतर अनुभव करें। आप सदैव अपने भीतर की शक्ति, निर्मलता, शुचिता, विपुलता तथा ज्ञान के भंडार को सहेज कर रखें। अज्ञान जनित विकारों से मुक्त होकर आत्म अवलोकन, आत्म चिंतन तथा आत्म जागरण के लिए सतत प्रयत्नशील रहें। ईश्वर से विनती है कि आपका आने वाला प्रत्येक नया दिन अपूर्व-सामर्थ्य, अनन्त-ऊर्जा तथा असीम- संभावनाओं से आपूरित रहे। मंगल शुभकामनाएं।
हिन्दू जीवन-दर्शन के हिसाब से ईश्वर इस जग के कण-कण में विद्यमान हैं। ईश्वर की वास्तविकता तो सदा से ही बिल्कुल स्पष्ट, खुला तथा सरल रही है। वेदांत में किसी पाखंड, किसी चमत्कार और किसी भी विभ्रान्ति की कोई जगह कभी भी नही रही है। आप जब अहंकार रहित होकर, अपने स्वार्थ को तिलांजलि देकर निष्काम भाव से अपने आराध्य की प्रार्थना करते हैं तो स्वतः ही अपने भीतर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को देखने लगते हैं। निरंतर प्रार्थना से आपको अपनी आत्मा की पूर्णता का ज्ञान होने लगता है। आपको आन्तरिक शान्ति प्राप्त होती है, हर प्रकार का मन का मैल धूल जाता है, आध्यात्मिक सम्पदा की वृद्धि होती है, आत्मबल बढ़ता है तथा आत्म-ज्ञान प्राप्त होता है। ईश्वर से विनती है कि आपके आस पास से दुर्बलता, अपर्याप्तता, व्याधि, रोग तथा शोक का दूषित वातावरण बिल्कुल खत्म हो जाये और धर्म, प्रेम तथा भाईचारा आपके चारो तरफ फैलता चला जाये। आपके घर में हमेशा उमंग, आनंद और सुख-समृद्धि बनी रहे।
हमे दुबारा खुद को ये याद दिलाने की जरूरत है कि ईश्वर किसी सुख या दुख का वितरक नही है। और न ही वो सुख और दुख को निर्धारित करता है। ये सब तो हमारे खुद के कर्मों के संतुलन या असंतुलन का नतीजा हैं। इसलिये उस भावातीत ईश्वर की प्रार्थना किसी सुख को पाने या किसी दुख से छुटकारा पाने की लालसा से करना एकदम बेकार है। #प्रार्थना द्वारा तो केवल उस आनंद के स्रोत को खोजना है, जो पहले से ही मेरे, आपके और प्रकृति के भीतर सब जगह मौजूद है। उसी ईश्वर को अपने भीतर अनुभव कर के मन मस्तिष्क में शांति का अनुभव करना प्रार्थना है। सहज कर्मों से तथा स्वाभाविक रूप से उस ईश्वरीय अस्तित्व को धारण करना ही प्रार्थना है। ईश्वर कृपा से आने वाला प्रत्येक नया दिन आपके जीवन मे ख़ुशियों की नई सौगात लाये तथा आप पहले से अधिक स्वस्थ, प्रसन्नचित्त, आनंदित, प्रफुल्लित एवं ऊर्जावान हो जायें। आपके संसार में हर्षोल्लास का वातावरण सदैव बना रहे।
I give you comfort. I give you peace. I give you joy. I give you hope. I give you life.” Jesus kept talking to her. “I give you strength. I give you love. I give you power. I give you Me.” Jennifer started jumping up and down and hugging Jesus.